द इण्डियन स्टैमरिंग एसोसिएशन (टीसा) की चौथी नेशनल कांफ्रेन्स के शुभ अवसर पर पधार रहे सभी प्रतिभागियों का हम हार्दिक स्वागत करते हैं।
एक दशक से भी कम समय की अपनी यात्रा में टीसा ने भारत में हकलाने वाले लोगों के जीवन को सहज और सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। देशभर में फैले टीसा के समर्पित और सक्रिय स्वयं सहायता समूहों व साथियों की बदौलत आज हम बड़े आयोजन कर पाने की दिशा में अग्रसर हो पाए हैं।
हकलाहट की स्वीकार्यता, स्वयं सहायता समूह और खुद की सहायता का विकल्प हकलाहट की चुनौती का सामना करने का एक अच्छा और सरल विकल्प है।
हमें प्रसन्नता है कि टीसा आज राष्टीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। समाज की हकलाहट के प्रति जागरूकता तथा हकलाहट के प्रति सकारात्मक व सहयोगपूर्ण व्यवहार का विकास करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
नेशनल कांफ्रेन्स एक ऐसा मंच है जहां पर हकलाने वाले साथी एक-दूसरे से मिलते है, अपने अनुभवों को साझा करते हैं, हकलाहट की रिकवरी के लिए अच्छे प्रयासों को शुरू करना सीखते हैं और हकलाहट को आत्मसात करने, हकलाहट को स्वीकार करने की ओर आगे बढ़ते हैं।
- आयोजक टीम, पुणे स्वयं सहायता समूह।
एक दशक से भी कम समय की अपनी यात्रा में टीसा ने भारत में हकलाने वाले लोगों के जीवन को सहज और सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। देशभर में फैले टीसा के समर्पित और सक्रिय स्वयं सहायता समूहों व साथियों की बदौलत आज हम बड़े आयोजन कर पाने की दिशा में अग्रसर हो पाए हैं।
हकलाहट की स्वीकार्यता, स्वयं सहायता समूह और खुद की सहायता का विकल्प हकलाहट की चुनौती का सामना करने का एक अच्छा और सरल विकल्प है।
हमें प्रसन्नता है कि टीसा आज राष्टीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। समाज की हकलाहट के प्रति जागरूकता तथा हकलाहट के प्रति सकारात्मक व सहयोगपूर्ण व्यवहार का विकास करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
नेशनल कांफ्रेन्स एक ऐसा मंच है जहां पर हकलाने वाले साथी एक-दूसरे से मिलते है, अपने अनुभवों को साझा करते हैं, हकलाहट की रिकवरी के लिए अच्छे प्रयासों को शुरू करना सीखते हैं और हकलाहट को आत्मसात करने, हकलाहट को स्वीकार करने की ओर आगे बढ़ते हैं।
- आयोजक टीम, पुणे स्वयं सहायता समूह।
1 comment:
बधाई हो सबको...
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