लगभग 15 साल पहले मैने स्वामी विवेकानंद की कुछ पंक्तियाँ पढी थी
- 'भेद सिर्फ़ परिमाप का है, प्रकार का नहीं ।'
"The difference is only in degree and not in kind. "
"The difference is only in degree and not in kind. "
ना कोई 100% ईमानदार है , ना कोई बेइमान ।
ना कोई100% क्रूर है , ना कोई 100% दयालू ।
और ना कोई 100% Fluent है और ना 100% stammer ।
हर आदमी मे सारे अच्छे और बुरे गुण विद्यमान होते है , बस किसी मे ज्यादा होते हैं तो किसी
मे कम , The difference is only in degree.
After Joining TISA, i Started to observe Non-PWS speech and got -almost all stammers in different situations and almost all Non-PWS are using Bouncing or Prolongation unknowingly.
चलो, इस बार आप भी इन विचारों को परखो , 16 May को मतगणना Counting होगी और इस दौरान कई
Fluent रिपोर्टर विभिन्न टीवी चेनलों पर द्रुत गति से , जल्दी से
जल्दी सूचना दे रहे होंगे , परिक्षण करना कितनों का गीयर फ़ंसता है बोलते
बोलते ? कितने स्वाभाविक Bouncing करते है, कितने Prolong करते है ?
जल्दी सूचना दे रहे होंगे , परिक्षण करना कितनों का गीयर फ़ंसता है बोलते
बोलते ? कितने स्वाभाविक Bouncing करते है, कितने Prolong करते है ?
3 comments:
बहुत सच ..
परिपूर्णता की इस तलाश मे हम व्यर्थ ही अपना जीवन दुखमय बना लेते है ..
सचिन
Very true Hemant ji.
बहूत खूब हेमंत जी.
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