जब मै 12TH क्लास में था तब मेरा सपना था NDA ज्वाइन करना। लिखित परीक्षा पास करने पर मुझे SSB के लिए बनारस बुलाया गया। वहां सात दिनों के बाद परिणाम आया। लेकिन मुझे अपना परिणाम छठे दिन पता चल गया था।
वहां इंस्ट्रक्टर ने मुझे बताया " तुम अपनी स्पीच को बेहतर करके फिर से आओ. स्पीच के अलावा तुम्हारे अंदर चयनित होने की सारी खूबियां हैं "
ये बात साल 2000 की है। उस वक़्त मुझे कोई technique नहीं आती थी। न ही मैंने कभी स्पीच थेरेपी ली थी। न ही मुझे सेल्फ हेल्प के बारे में कोई जानकारी थी।
मै कभी कभी सोचता हूँ की अगर 15 साल पहले TISA होती तो शायद मै आज ARMED FORCES में होता।
मैंने जीवन को खुलके जीना तभी शुरू किया जब से मै TISA के संपर्क में आया।
आज के हकलाने वाले बच्चो और किशोरों को TISA का साथ है। हम सभी के प्रयास से स्वीकार्यता और स्वयं सहायता और आगे बढे :)
2 comments:
Agar fauj me hote to aise biking holidays ka maja kaise lete? Jo bhi hua achha hi huà- lagta hai...
Remember everything happens for a reason. What happened was for a good reason and what did not happen was for a very good reason.
Have faith in God.
Have a nice day.
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