May 21, 2015

स्काइप कॉल हिंदी में ?? जरूर , क्यों नहीं :)



कुछ   दोस्तों   से मेरी बात हुई तो मुझे ये एहसास हुआ की ये आमतौर पर धारणा है की स्काइप कॉल सिर्फ इंग्लिश में होती है. 
            एक ने अपनी मनःस्थिति कुछ इस प्रकार जाहिर की - " स्काइप कॉल पर आकर मुझे कुछ समझ नहींआता  है. मुझे इंग्लिश समझ नहीं आती है. तो अब  मुझे पहले इंग्लिश सीखना है , तभी स्काइप कॉल पे आना है "


                      स्काइप कॉल में ज़्यादातर लोग इङ्लिश में इसलिए बोलते हैं क्योंकि शुरुवात से ही हमारे  दक्षिण भारतीय दोस्तों ने पहल की थी और स्काइप के द्वारा इङ्लिश में कॉल करने लगे.दक्षिण भारत में चार प्रमुख भाषाएँ बोली जाती हैं जोकि एक दूसरे से भिन्न हें. इसलिए इंग्लिश में बात करने से सभी को बातें समझ में आती  हैं ।  इसके साथ साथ दक्षिण भारत में कई कार्यस्थलों में इंग्लिश ही बोली जाती है, जिस कारण लोग स्काइप पर इंग्लिश में ही बोलने का अभ्यास करते हैं।    इसका ये तात्पर्य बिलकुल नहीं है की स्काइप  कॉल इंग्लिश में होनी  अनिवार्य है।  

                     हम सभी स्काइप कॉल में हिंदी में भी निसंकोच होकर बोल सकते हैं , असली मुद्दा बोलने का है , बात चीत करने का है।  स्काइप कॉल में भाग लेने के लिए हमें इंग्लिश सीखने की जरूरत नहीं है , बल्कि हम स्काइप कॉल में भाग लेकर अपने दोस्तों से इंग्लिश बोलना और समझना जरूर सीख सकते हैं।  

                      स्काइप कॉल का बहुत बड़ा फायदा ये है की एक समूह के सामने में हमें अपने विचार रखने का मौका मिलता है , और साथ ही दूसरों को धैर्य पूर्वक सुनने की   अभ्यास होती  है।  इससे हमारे  सामाजिक व्यवहार कुशलता की  भी विकास होती  है। 

                 ये भी जरूरी नहीं है की स्काइप कॉल के लिए किसी  व्यक्ति विशेष की उपस्थिति  अनिवार्य है।  कुछ लोग मिलके एक स्काइप ग्रुप कॉल की शुरुवात हर सकते हैं।  ऐसा करने से रोज़ाना एक ही समय में कई  भिन्न भिन्न  स्काइप कॉल्स का संचालन   हो सकता  है , जिनमे आप अपनी स्वेच्छा से हिंदी या इंग्लिश में अपने विचार रख सकते हैं।  

अंत में स्काइप कॉल्स के विषय में थोड़ी सी जानकारी :

                     आप स्काइप वौइस् कॉल करने के लिए एक स्मार्ट फ़ोन में ३ जी सिम का उपयोग कर सकते हैं। हम स्मार्ट फ़ोन करीब चार हज़ार रूपये में खरीद सकते हैं और अपने मोबाइल सिम में ३ जी डेटा पैक डालना होगा। फिर स्काइप ऐप इनस्टॉल करना है।   बस ध्यान ये रखना है की ग्रुप कॉल में लोगों को ऐड करने के लिए स्काइप कॉल में भाग ले रहे लोगों में से कमसे काम एक व्यक्ति कंप्यूटर पर हो( अन्य लोग फ़ोन पर हो सकते हैं ). हम कंप्यूटर द्वारा स्काइप कॉल में लोगों को ऐड कर सकते हैं, जोकि स्मार्ट  फ़ोन से संभव नहीं है  .  अर्थात अगर दो लोग आपस में फ़ोन पे  स्काइप कॉल कर रहे हैं तो वे तीसरे व्यक्ति को ग्रुप  कॉल में ऐड नहीं कर सकते हैं।

यदि सभी लोगों के पास फ़ोन ही है तो बेहतर होगा की हम गूगल हैंगआउट का प्रयोग करें , जिसमे फ़ोन द्वारा भी ग्रुप कॉल किया जा सकता है।   इसके साथ साथ यदि दो लोगों को आपस में बात करनी है तो वे व्हाट्सप्प कॉल का भी उपयोग कर सकते हैं। " ह ह हकलाओ , मगर प प प्यार से "        

अभिषेक कुमार 
शिमला
स्काइप आई. डी. - abhi.3561

2 comments:

Satyendra said...

बहुत सामयिक और जानकारी भरा लेख़़़
अभिषेक इसी तरह और भी लिखते रहे...

Amitsingh Kushwah said...

बहुत धन्यवाद् अभिषेक जी, इस अच्छी पहल के लिए. आज हमें वास्तव में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओँ में हकलाहट पर चर्चा करने की जरुरत है. जिससे हम अधिक से अधिक लोगों तक पंहुच पाएं.