October 31, 2013

इलाहाबाद टीसा स्वयँ सहायता समूह की मीटिंग का रिपोर्ट

हम तीन हकलाने वालों ने यह मीटिंग इलाहाबाद  के कम्पनी बाग में शुरू की। हम तीनों ने सबसे पहले अपना -अपना परिचय दिया। दूसरे एक्टिविटी में हम सभी ने अपने एक़ -एक अनुभव शेयर किये। तीसरी एक्टिविटी में हमनें ब्लाक कॅरेक्सन टेक्निक का यूज़ करते हुए एक -एक टॉपिक पर अपने -अपने विचार रखे।  इस राउन्ड में हमने हकलाते हुए अपने सेकेंड्री  को कंट्रोल करना सीखा और हकलाते हुए भी  बेहतर बातचीत करने  के तरीकों का अभ्यास किया। चौथे एक्टीविटी में हम तीनो एक सर्कल में खड़े  होकर आखों में आखें ड़ालकर अपने -अपने नाम पर जमकर हकलाया और दूसरी बार अपने -अपने नाम को एक छोटे से  बाउंसिंग के साथ बोला। अगले राउंड में हमने पार्क में मौजूद अन्य लोगों से बातचीत की और हकलाने के विषय पर उनके विचार जाने। कुछ लोगों ने बताया की उनके भी घर में कुछ लोग हकलाते हैं लेकिन वो बहुत ही कम हकलाते है हमने उनसे हकलाने पर खूब खुलकर बात की। अंत में हम तीनों ने एक साथ चाय और समोसे का आनंद लिया और इलाहाबाद टीसा स्वयं सहायता समूह को रेगुलर करने का संकल्प लिया। 

5 comments:

Satyendra said...

Congratulation
This is a very good beginning. It is important to keep the meeting going,whether two people come or twenty.........
Best wishes

Amitsingh Kushwah said...

विनयकुमार जी, बहुत अच्छा। हिन्दी में इतनी सुन्दर रिपोर्ट पढ़कर खुशी हुई। आगे अपनी कोशिश जारी रखें। हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में अपनी बात और अनुभव शेयर करना हकलाने वाले साथियों के लिए हितकर है। धन्यवाद और आभार।

Amol said...

Great work guys.
Keep the good work going

Unknown said...

vinay kumar jee . very good.

Anil said...

बहुत अच्छी शुरुआत है, आप इसी तरह निरंतर मीटिंग करते रहो, विनय जी आपने हिंदी में लिखे ये भी बहुत पसंद आया मैं कोई हिंदी भक्त नहीं हु, हिंदी देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, और इंग्लिश बहुत कम लोगो को आती है|
आपकी
"इलाहाबाद टीसा स्वयँ सहायता समूह की मीटिंग का रिपोर्ट" बहुत बढ़िया लगी| इसी तरह लिखते रहिएगा|
अनिल गुहार बेतुल