आज कल टीवी पर होंडा की एक Advertisement बहुत फेमस हो चली है..मैसेज दे रही है..... "देखो देखे ये जमाना ....पंछी उड़ा जाये रे..."
जब भी येऐड मेरा भतीजा देखता है...थोड़ा surprisingly आँखो से देखता है। एक दिन पूछने लगा .. काका हम बाइक से कैसे उड सकते है ? ये प्रश्न से मै थोड़ा झुँझलाया। सोच में पड़ गया।
लेकिन अच्छा ही हुआ क्योकि मै पहली बार किसी advertisement के बारे में इतना सोच रहा था...
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जब भी येऐड मेरा भतीजा देखता है...थोड़ा surprisingly आँखो से देखता है। एक दिन पूछने लगा .. काका हम बाइक से कैसे उड सकते है ? ये प्रश्न से मै थोड़ा झुँझलाया। सोच में पड़ गया।
लेकिन अच्छा ही हुआ क्योकि मै पहली बार किसी advertisement के बारे में इतना सोच रहा था...
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1 comment:
Many many thanks to you sir for bringing his beautiful blog to our notice.
This blog of him reminded me of my post on 'clarity and motivation'.
I read and enjoyed this article.He has emphasised a very relevant point that we should know ourselves,not what our name is but what we like,why we do what we do, and many questions that helps us feel motivated.
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