ओशो अपनी छियानबे रोयल्स रोयस कारों की आवश्यकता पर " : -
" छियानबे रोयल्स रोयस की कोई आवश्यकता नहीं थी
मै छियानबे रोयल्स रोयस
कारें एक साथ इस्तेमाल नहीं कर सकता था
वही मॉडल वही कार... लेकिन मै यह
बात स्पष्ट कर देना चाहता था कि एक रोयल्स रोयस पाने के लिए तुम सत्य,
प्रेम और आध्यात्मिक विकास की अपनी सारी इच्छाएं त्यागने को तैयार हो
मै
जानबूझकर ऐसी परिस्थती बना रहा था कि इर्ष्या करने लगो
एक सतगुरु का कार्य बहूत विचित्र होता है
उसे इस बात के लिए तुम्हारी
सहायता करनी है कि तुम अपनी चेतना की अंतर संरचना को समझ सको - वह
इर्ष्या से भरी है.... उन कारों ने अपना कम कर दिया
उन्होंने पूरे
अमेरिका के सभी सुपर - धनाड्यो को इर्ष्या से भर दिया
यदी वे थोड़े से
भी बुद्धिमान होते तो मेरे शत्रु होने कि अपेक्षा मेरे पास आकर इर्ष्या
से छुटकारा पाने का उपाय पूछते ; क्योंकि यही उनकी समस्या है
इर्ष्या
आग है जो तुम्हे जला डालती है, बुरी तरह जला डालती है
"
~ ओशो , BEYOND PSYCHOLOGY प्रवचनमाला से......
2 comments:
Can someone please translate the contents in English for the benefit of non-hindi speakers?
Good post Jasbir ji.
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