September 21, 2015

Jaipur SHG meeting report 20 sept 2015

मैं नहीं हकला रहा हूँ , मैं क्यों नहीं हकला रहा हूँ???? ये मेरे साथ तब हुआ जब मैं पार्क मैं  कुछ लोगों को TISA के बारे मैं बता रहा था।  मुझे नहीं पता चला ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा है लेकिन पार्क से बाहर आने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया..... वही हकलाहट शुरू।

मैं तो बताना ही भूल गया कि आज मैं मीटिंग में अकेला था। छुट्टियों के कारण कुछ मेम्बर्स घर गए हुए थे तो मैं अकेला रह गया क्योंकि कुछ  मेंम्बर जयपुर के नहीं हैं। मैं भी नहीं।

सुबह मेरा एग्जाम था उसके बाद मैं लगभग दोपहर 2 बजे पार्क मैं पहुंचा।  मैं अकेला था तो मैंने सीधे ही Talk to stranger activity करने का सोचा।  मैंने 4 लोगों से बात की। उनमें से एक ने मुझे कहा कि तुम जो कर रहे हो वो बहुत अच्छा है समस्याऐं किसको नहीं होती।

लगभग आधे घंटे मैंने यह एक्टिविटी की। उसके बाद पार्क मैं बैठकर "अपना हाथ जगन्नाथ " के कुछ अध्याय का अध्ययन किया। उसके बाद लगभग 4 बजे मैंने पार्क को छोड़ा।

धन्यवाद।

जयपुर SHG से जुड़ने के लिये हमसे संपर्क करें :-
चन्द्रप्रकाश गोयल      8239715445
अनुराग तेतरवाल (मैं) 7568377078  anuragtetarwal@gmail.com

3 comments:

Satyendra said...

बहुत बढ़िया अनुराग ..दिल खुश हो गया पढ़ के!
आज शाम मै यही बात किसी और से भी कर रहा था - कि अगर अपने आप को चैलेंज नहीं किया तो ऐसी प्रैक्टिस किस काम की ? एक घंटे स्लो रीडिंग लोग बरसों से कर रहे हैं और उनके तमाम डर जस के तस हैं - ये कैसी प्रैक्टिस है?
आप बहुत अच्छा अभ्यास कर रहे हैं - बीच में रुक कर अपनी पीठ मत थप थपाने लग जाना!! रास्ता बहुत लम्बा है अभी .. लगे रहो, चलते रहो, लिखते रहो, बांटते रहो...

Anurag Tetarwal said...

हाँ सर.... रास्ता बहुत लम्बा है। मैं इसे जारी रखूँगा। आप सभी भी तो साथ हैं, मैं अकेला थोड़े ही हूँ।

Unknown said...

Bahut accha laga padhkar....:-)