May 14, 2014

Nobody is 100% fluent

लगभग 15 साल पहले मैने स्वामी विवेकानंद की कुछ पंक्तियाँ पढी थी  

- 'भेद सिर्फ़ परिमाप का है, प्रकार का नहीं ।' 
"The difference is only in degree and not in kind. "

अर्थात ना कोई शत प्रतिशत सच्चा है , ना कोई शत-प्रतिशत झूठा है ।
 ना कोई 100% ईमानदार है , ना कोई बेइमान । 
ना कोई100% क्रूर है , ना कोई 100% दयालू । 
और ना कोई 100% Fluent है और ना 100% stammer । 
हर आदमी मे सारे अच्छे और बुरे गुण विद्यमान होते है , बस किसी मे ज्यादा होते हैं तो किसी
मे कम , The difference is only in degree.

After Joining TISA, i Started to observe Non-PWS speech and got -almost all stammers in different situations and almost all Non-PWS are using Bouncing or Prolongation unknowingly.

चलो, इस बार आप भी इन विचारों को परखो , 16 May को मतगणना Counting होगी और इस दौरान कई
Fluent रिपोर्टर विभिन्न टीवी चेनलों पर द्रुत गति से , जल्दी से
जल्दी सूचना दे रहे होंगे , परिक्षण करना कितनों का गीयर फ़ंसता है बोलते
बोलते ? कितने स्वाभाविक Bouncing  करते है,  कितने Prolong करते है ?

3 comments:

Satyendra said...

बहुत सच ..
परिपूर्णता की इस तलाश मे हम व्यर्थ ही अपना जीवन दुखमय बना लेते है ..
सचिन

Amitsingh Kushwah said...

Very true Hemant ji.

jasbir singh said...

बहूत खूब हेमंत जी.