टीसा की तीसरी नेशनल कांफ्रेन्स (एनसी)
नईदिल्ली में 4 से 6 अक्टूबर, 2013 तक आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में
भारत के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। वहीं 4 महिलाओं
ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर एक नए अध्याय की शुरूआत की है। पेश है कुछ
प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया-
1. एनसी में आकर मैं हकलाहट को एकदम भूल गई। हकलाहट को स्वीकारना करना ही बेहतर है। यहां हकलाहट के बारे में कई रोचक और नई जानकारी मिली, जो डाक्टर और स्पीच थैरेपिस्ट के पास जाने से नहीं मिली थी। - अकृष्ठा सहाय, पटना, बिहार।
2. एनसी ने एक सकारात्मक माहौल प्रदान किया। भारतभर के हकलाने वालों ने इस आयोजन को महत्व दिया है। यहां हकलाने वाली महिलाओं से बातचीत करके अच्छा लगा। - इरम खान, चण्डीगढ़।
3. एनसी में आकर जाना की हकलाने वाले व्यक्ति भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। अपने बच्चे को मोटिवेट करने और हकलाहट पर विजय पाने के तरीके सीखने का मौका मिला। - शिल्पा जैन, नईदिल्ली (अभिभावक)
4. अपनी तरह हकलाने वाले लोगों से मिलने और बातचीत करने का अच्छा अवसर मिला। - शिवा, हैदराबाद।
5. अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने वाले हकलाने वाले व्यक्तियों को देखकर प्रेरणा मिली। हकलाहट आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। - पिनाकिन मकवाना, गुजरात।
6. यहां पर आकर सभी एक-दूसरे को बोलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह एक अच्छी कोशिश है। - शोभित सिंह, कानपुर, उत्तरप्रदेश।
7. एनसी में शामिल होकर हकलाहट के डर को दूर करने का तरीका सीखा। सचमुच यह एक अद्वितीय अनुभव है। - आकाश, दिल्ली।
8. एनसी में आकर खुलकर हकलाया हूं। नकारात्मक विचार खत्म हो गए हैं। हमें दूसरे के रिएक्शन से घबराना नहीं चाहिए। - विनयकुमार त्रिपाठी, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश।
9. बहुत अच्छा लगा। प्रोसेस सही है। पुराने दोस्तों से मिलकर खुशी हुई। यह सीखने के साथ ही जीवन में लागू करना भी बहुत जरूरी है। - कुशाल बटबियाल, कोलकाता, पश्चिम बंगाल।
10. अनुभवी लोगों की प्रेरणादायी स्पीच ने काफी प्रभावित किया। कई गतिविधियों ने हकलाहट को नियंत्रित करने का तरीका सिखाया। मैं इनका अभ्यास करूंगा। - जगबीर सिंह, नई दिल्ली।
11. यहां आकर सीखा कि हम चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर भी हकलाहट का सामना आसानी से कर सकते हैं। एनसी में इतना ज्यादा आत्मविश्वास मिला है कि अब आसानी से हकलाहट पर वर्क कर सकता हूं। - रोहित सिंह, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश।
12. कई हकलाने वाले व्यक्तियों से मिला। अच्छी बातें की। हिन्दी का प्रयोग थोड़ा कम हुआ। - राकेश नेगी, देहरादून, उत्तराखण्ड।
13. सचिन सर की स्पीच ने बहुत प्रेरणा दी। मैं की सार्थकता को समझने का अवसर मिला। अपनी हकलाहट को मैं ही ठीक कर सकता हूं यह ज्ञान यही आकर मिला। - अमित श्रीवास्तव, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश।
14. मेट्रो पर आम जनता से हकलाहट के बारे में खुलकर बातचीत करना सीखा। राजा जी ने स्पीच तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल करना सिखाया। यह सब काफी उपयोगी रहा। - संदीप दीक्षित, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश।
15. एनसी में हकलाहट को खुलकर स्वीकार करने की हिम्मत मिली। मेट्रो पर बातचीत करके हकलाहट की कैद से आजाद हो गया हूं। - अभिषेककुमार, शिमला, हिमाचल प्रदेश।
16. स्पीच थैरेपिस्ट सिर्फ फिजिकल एक्सरसाइज करवाते हैं, यहां आकर हकलाहट पर कार्य करने का सही रास्ता मिला। हकलाहट को ठीक करने के लिए उसे स्वीकारना जरूरी है। - सिकंदर आलम, पटना, बिहार।
17. मुझे माइक पर पहली बार बोलने का मौका मिला। इतने सारे श्रोताओं ने मेरी बात सुनी। यह एक अविस्मरणीय अनुभव है। - एमडी ताहिर, झारखण्ड।
18. मेट्रो पर बातचीत करते समय शुरू में निगेटिव फीडबैक मिला, बाद में लोग खुद ही हमारी बातों को ध्यान से सुनने लगे। एनसी में सीखी गई चीजों पर अमल करने से सफलता जरूर मिलेगी। - यादवेन्द्र मयंक, साहिबगंज, झारखण्ड।
19. एनसी में हकलाहट के कारण उत्पन्न होने वाले टेंशन को दूर करने का उपाय पता चला। - राम एमपी, हैदराबाद।
20. मैं टीसा के हर इवेन्ट में शामिल होता हूं। एनसी में शामिल होकर ऊर्जा मिली, हकलाहट का सामना करने का साहस मिला। - राकेश जायसवाल, उत्तरप्रदेश।
21. एक साथ इतने सारे लोगों को हकलाता हुआ देखकर प्रेरणा मिली है कि मैं अकेला नहीं हूं। आत्मविश्वास आया, हीनभावना दूर हुई है। - प्रदीप बर्मन, जबलपुर, मध्यप्रदेश।
22. स्पीच तकनीक को सही तरीके से इस्तेमाल करना सीखा। खुलकर बातचीत करने की हिम्मत मिली।
- राजेशकुमार, करनाल।
1. एनसी में आकर मैं हकलाहट को एकदम भूल गई। हकलाहट को स्वीकारना करना ही बेहतर है। यहां हकलाहट के बारे में कई रोचक और नई जानकारी मिली, जो डाक्टर और स्पीच थैरेपिस्ट के पास जाने से नहीं मिली थी। - अकृष्ठा सहाय, पटना, बिहार।
2. एनसी ने एक सकारात्मक माहौल प्रदान किया। भारतभर के हकलाने वालों ने इस आयोजन को महत्व दिया है। यहां हकलाने वाली महिलाओं से बातचीत करके अच्छा लगा। - इरम खान, चण्डीगढ़।
3. एनसी में आकर जाना की हकलाने वाले व्यक्ति भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। अपने बच्चे को मोटिवेट करने और हकलाहट पर विजय पाने के तरीके सीखने का मौका मिला। - शिल्पा जैन, नईदिल्ली (अभिभावक)
4. अपनी तरह हकलाने वाले लोगों से मिलने और बातचीत करने का अच्छा अवसर मिला। - शिवा, हैदराबाद।
5. अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने वाले हकलाने वाले व्यक्तियों को देखकर प्रेरणा मिली। हकलाहट आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। - पिनाकिन मकवाना, गुजरात।
6. यहां पर आकर सभी एक-दूसरे को बोलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह एक अच्छी कोशिश है। - शोभित सिंह, कानपुर, उत्तरप्रदेश।
7. एनसी में शामिल होकर हकलाहट के डर को दूर करने का तरीका सीखा। सचमुच यह एक अद्वितीय अनुभव है। - आकाश, दिल्ली।
8. एनसी में आकर खुलकर हकलाया हूं। नकारात्मक विचार खत्म हो गए हैं। हमें दूसरे के रिएक्शन से घबराना नहीं चाहिए। - विनयकुमार त्रिपाठी, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश।
9. बहुत अच्छा लगा। प्रोसेस सही है। पुराने दोस्तों से मिलकर खुशी हुई। यह सीखने के साथ ही जीवन में लागू करना भी बहुत जरूरी है। - कुशाल बटबियाल, कोलकाता, पश्चिम बंगाल।
10. अनुभवी लोगों की प्रेरणादायी स्पीच ने काफी प्रभावित किया। कई गतिविधियों ने हकलाहट को नियंत्रित करने का तरीका सिखाया। मैं इनका अभ्यास करूंगा। - जगबीर सिंह, नई दिल्ली।
11. यहां आकर सीखा कि हम चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर भी हकलाहट का सामना आसानी से कर सकते हैं। एनसी में इतना ज्यादा आत्मविश्वास मिला है कि अब आसानी से हकलाहट पर वर्क कर सकता हूं। - रोहित सिंह, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश।
12. कई हकलाने वाले व्यक्तियों से मिला। अच्छी बातें की। हिन्दी का प्रयोग थोड़ा कम हुआ। - राकेश नेगी, देहरादून, उत्तराखण्ड।
13. सचिन सर की स्पीच ने बहुत प्रेरणा दी। मैं की सार्थकता को समझने का अवसर मिला। अपनी हकलाहट को मैं ही ठीक कर सकता हूं यह ज्ञान यही आकर मिला। - अमित श्रीवास्तव, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश।
14. मेट्रो पर आम जनता से हकलाहट के बारे में खुलकर बातचीत करना सीखा। राजा जी ने स्पीच तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल करना सिखाया। यह सब काफी उपयोगी रहा। - संदीप दीक्षित, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश।
15. एनसी में हकलाहट को खुलकर स्वीकार करने की हिम्मत मिली। मेट्रो पर बातचीत करके हकलाहट की कैद से आजाद हो गया हूं। - अभिषेककुमार, शिमला, हिमाचल प्रदेश।
16. स्पीच थैरेपिस्ट सिर्फ फिजिकल एक्सरसाइज करवाते हैं, यहां आकर हकलाहट पर कार्य करने का सही रास्ता मिला। हकलाहट को ठीक करने के लिए उसे स्वीकारना जरूरी है। - सिकंदर आलम, पटना, बिहार।
17. मुझे माइक पर पहली बार बोलने का मौका मिला। इतने सारे श्रोताओं ने मेरी बात सुनी। यह एक अविस्मरणीय अनुभव है। - एमडी ताहिर, झारखण्ड।
18. मेट्रो पर बातचीत करते समय शुरू में निगेटिव फीडबैक मिला, बाद में लोग खुद ही हमारी बातों को ध्यान से सुनने लगे। एनसी में सीखी गई चीजों पर अमल करने से सफलता जरूर मिलेगी। - यादवेन्द्र मयंक, साहिबगंज, झारखण्ड।
19. एनसी में हकलाहट के कारण उत्पन्न होने वाले टेंशन को दूर करने का उपाय पता चला। - राम एमपी, हैदराबाद।
20. मैं टीसा के हर इवेन्ट में शामिल होता हूं। एनसी में शामिल होकर ऊर्जा मिली, हकलाहट का सामना करने का साहस मिला। - राकेश जायसवाल, उत्तरप्रदेश।
21. एक साथ इतने सारे लोगों को हकलाता हुआ देखकर प्रेरणा मिली है कि मैं अकेला नहीं हूं। आत्मविश्वास आया, हीनभावना दूर हुई है। - प्रदीप बर्मन, जबलपुर, मध्यप्रदेश।
22. स्पीच तकनीक को सही तरीके से इस्तेमाल करना सीखा। खुलकर बातचीत करने की हिम्मत मिली।
- राजेशकुमार, करनाल।
3 comments:
Thankyouguysforgivingachancetoattendethenationalconferince.unforgetablemomentsonmylife.ilearnednewthingsfromthisNCitwasamagingexperiancetothankyouverymuchg
Hi Amit,
Thanks for posting all stammerer experience. but you left my name.
-
Anand Singh
Sr. Internet Marketing Associate
New Delhi
I have attended the N.C.2013 in Delhi, the very first one .I have learned the various techniques like Pausing ,smiling
and breathing .I will try to practice them so as to improve my stammering .I have already started practicing the way Ms Nilukshi has advised to pronounce words by giving proper pause and stress.
Lalit Chawla
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