टीसा के आनलाइन स्वयं सहायता समूह की बैठक रविवार 30 जून 2013 को स्काइप पर आयोजित की गई। बैठक में असद इकबाल, विनोद कुमार और अमितसिंह कुशवाह शामिल हुए।
असद इकबाल ने बताया की टीसा से जुड़ने के बाद हकलाहट के बारे में नई जानकारी मिली। खासकर वालेन्टरी स्टैमरिंग बहुत ही रोचक है। हाल ही में हरबर्टपुर कार्यशाला के दौरान हम सबने कई स्पीच तकनीक का बाहर जाकर अभ्यास किया। इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।बैठक में न्यूज रीडिंग का दौर चला। इसमें उत्तराखण्ड में आई बाढ़ और उससे उपजी त्रासदी पर बाउंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सबने न्यूज पढ़कर अभ्यास किया।स्टोरी टेलिंग में एक राजा वीरदत्त, उसके दो बेटों और एक बेटी के बारे में तात्कालिक रूप से स्टोरी तैयार कर उसका वर्णन किया गया। शुरू में अमित ने कहानी की प्रस्तावना रखी। फिर सबने अपनी तरफ से उस कहानी में कुछ लाइन्स जोड़कर उसे आगे बढ़ाया।
कहानी के अन्त में राजा की बेटी सुनन्दा यु़द्ध में अपने दोनों भाईयों के घायल हो जाने के कारण मदद करती है और उसकी रणनीति और बहादुरी के कारण राजा वीरदत्त युद्ध जीत जाते हैं।
विनोदकुमार ने फोन काल के दौरान बातचीत करने में आने वाली समस्याओं को जिक्र किया और कहा कि हमें फोन काल के दौरान विभिन्न स्पीच तकनीक का इस्तेमाल कर सही कम्यूनिकेशन कर सकते हैं। अमित ने बताया कि हम फोन काल पर धैर्य और सतर्कता से हकलाहट पर नियंत्रण रख सकते हैं।
असद इकबाल ने कहा कि हकलाने के कारण ही आज बहुत सारे अच्छे दोस्त मिल गए हैं। भारत के साथ ही विदेशों में बसे हकलाने वाले साथियों से बातचीत कर और उनके अनुभव जानकर मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं।
विनोदकुमार ने फोन काल के दौरान बातचीत करने में आने वाली समस्याओं को जिक्र किया और कहा कि हमें फोन काल के दौरान विभिन्न स्पीच तकनीक का इस्तेमाल कर सही कम्यूनिकेशन कर सकते हैं। अमित ने बताया कि हम फोन काल पर धैर्य और सतर्कता से हकलाहट पर नियंत्रण रख सकते हैं।
असद इकबाल ने कहा कि हकलाने के कारण ही आज बहुत सारे अच्छे दोस्त मिल गए हैं। भारत के साथ ही विदेशों में बसे हकलाने वाले साथियों से बातचीत कर और उनके अनुभव जानकर मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं।
1 comment:
Very good initiative.. This is how we can reach out to a large number of pws..and this is a good way to hone our skills as an anchor..
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