April 16, 2013

लोगों का साथ बढ़ाता है आत्मविश्वास ... !

टीसा से जुड़कर हम यह सीखते हैं कि अधिक से अधिक लोगों से बात करनी है, अपनी भावनाओं को शेयर करना है, उनके विचारों को सुनना है और उनकी भावनाओं, रूचियों को भी ध्यान में रखना है। जरा सोचिए, जब आप गहरी निराशा में डूबे हों, उस समय किसी भी व्यक्ति का साथ हमें उस हालत से उबरने में बहुत मदद करता है।

हकलाने वाले व्यक्ति अक्सर समाज और परिवार से अलग-थलग होकर एकान्त जीवन व्यतीत करने लगते हैं। वे अपनी फैमिली और सोसायटी के साथ रहकर भी दूरी बनाए रखते हैं। हर उस हालत का सामना करने से बचते हैं, जिसमें बातचीत करने की जरूरत होती है। इससे हकलाने वाला व्यक्ति कुंठित और अवसादग्रस्त हो जाता है। उसके अन्दर दूसरे लोगों के प्रति नकारात्मक नजरिया बनने लगता है। और यह स्थिति हकलाने वाले व्यक्ति के लिए लाभप्रद नहीं होती है।

अगर हम वाकई हकलाहट से पार पाना चाहते हैं, तो हमें हर बातचीत करने के अवसर का उचित फायदा उठाने का प्रयास करना चाहिए। किसी का जन्मदिन हो तो खुद आगे होकर बधाई देना, किसी को कोई सम्मान मिला हो तो शुभकामनाएं देना, हर त्यौहार पर बधाई देना। स्वयं आगे होकर नमस्कार करना। ये कुछ ऐसी छोटी बातें हैं, जिसे आजमाने से सामान्य लोग भी कतराते हैं। वास्तव में हमें कुछ अलग नहीं करना है। बल्कि सामान्य शिष्टाचार का पालन करना है, खुशमिजाज और मिलनसार व्यक्ति बनने की कोशिश करना है। जब हम ऐसा करते हैं तो हम कई लोगों के सम्पर्क में आते हैं, और उनके प्रिय बन जाते हैं, उनसे मधुर संबंध हो जाते है। लोगों का साथ हमें उर्जा देता है और चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है।

- अमितसिंह कुशवाह,
सतना, मध्यप्रदेश।
मो. 09300939758

1 comment:

lalit said...

amit ji bahut badya...we should come forward to meet people it will increase our confidence as well as give us new quality,new view ,i realize one....on 10 th day of vipassana we have to meet people and share our experience ..there i found starting conversation helps lot..after this post iam inspired to write post about habit of "starting conversation "