
अब जिन्दगी का गणित देखिये -
एक इंसान कि औसत उम्र = लगभग 60 साल
हमारी वर्तमान उम्र = 25 साल या इससे अधिक
हमने शर्म करके गुजारी = लगभग आधी जिन्दगी ।
शर्म करके मिला = कुछ नहीं।
. . . तो जब आपने शर्म करके अपनी आधी जिन्दगी सिर्फ अपनी हकलाहट को छुपाने में गुजार दी और मिला कुछ नहीं, तो अब ज़रा शर्म को छोड़कर देखिये, आप अपने आपको बेहतर मुकाम पर पाएंगे। यानी हकलाहट को खुले मन से स्वीकार करें और बाउंसिंग या जो भी तकनीक अपनानी हो उसका सब जगह इस्तेमाल करने में संकोच या शर्म महसूस न करें।
- अमितसिंह कुशवाह
Mo : 0 9 3 0 0 9 - 3 9 7 5 8
3 comments:
Wow!! great post..Amit you always define the complex things by giving just simple and realistic examples. excited to meet you in delhi. You are a great motivator of all pws..
धन्यवाद अमित, हिन्दी मे बहुत कुछ लिखे जाने की जरूरत है- आपने एक अच्छी शुरुआत की है !
सचिन
especially the maths
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