February 10, 2012

“ भयानक अनचाहे सपने “

आज क्लास में मुझें आपना रोल नंबर बोलना था | जैसे जैसे मेरा रोल नंबर पास आता जा रहा था , वैसे वैसे मेरी धड़कने तेज होती जा रही थी और क्लास में हलचल भी | मैं हकला न जाओ और यदी आज भी मैं हकलाया तो कही मेरी ऐबसंत न लग जाए | बच्चे बड़ी बेसब्री से मेरे रोल नंबर का इंतज़ार कर रहे थे की आज गौरव हकालायेगा या नहीं | कईयों ने तो हसना और इशारे करना शुरु भी कर दीया था | कई लड़कियां अक्सर मुझ पर हँसा करती थी , और वो आज भी में मुझ पर हस रही थी | लड़को की हसी का इतना दुःख नही होता था जितना लड़कियो की हसी का | ऐसे लगता था की वो मुझे जोकर समजते थे |

तभी मेरे रोल नंबर के बरी आई ओर मैं आज फिर चूक्गाया |बच्चो की हसी का ठीकाना न रहा और लगबघ सारी क्लास हे मेरा मजाक उड़ा रही थी | मेरा दोस्त बोला की ऐसा कब तक चलेगा | ऐसे तो तेरी अटेनडैनस कम होजायेगी | मेरा चेहरा लाल पड़ गया था शर्म के मारे |

तभी मेरी आँख खुल गयी , और मैने अपने आप को पलंग पे पाया | मैं सो रहा था | इस बरी यह सपना था | लेकिन कही आज कॉलेज में ऐसा तो नहीं होने वाला | हे भगवान आज बचा लेना | या आज कॉलेज की छुट्टी करवादो कैसे भी करके | तभी मुझे याद आया की , अरे मेरे कॉलेज तो खतम हो गए है | अब मुझे दुबारा कॉलेज नहीं जाना है | तब मन थोडा शांत हुआ और में दुबारा सो पाया |

जब मैं कॉलेज मैं था | मुझे अक्सर इस पारिस्थित से गुजरना पड़ता था | शायद आज भी उसका खौफ मुझेमे है | तभी ऐसा सपने मुझे कई बार आते है | रातो को चैन से सोने भी नहीं देते |

तुम्हारा मित्र
गौरव दत्ता

8 comments:

Vinay said...

कहानी लिखने मे काफ़ी माहिर हो तुम | अपने इस कला का विकास करो और अच्छे लेख लिखो |

J P Sunda said...

Wah Gourav! Apnae to ham sab ki kahani likh dali.

mitesh said...

bro mera bhi yahi haal hota tha ..mai bhi is se gujar chuka hu ..i can understand..

Er. Umesh said...
This comment has been removed by the author.
Er. Umesh said...

Wah Gaurav! kya likhte ho yaar, why don't you write a novel for stammerers :-)

Sid said...

very well expressed .
and I stammer ,I stammer so badly that I can not speak my attendance and it is totally fine.

Mohit kumar said...

Wah mere sher. tum toh chaah gaye yaar. When my roll no. comes, a friend sitting near me he calls my roll no. instead of me.
Gorav you can and must write a well novel.Think about it.

Ashish Agarwal said...

Bilkul hum sabhi ki kahani...