August 28, 2013

कुछ किए बिना ही जयजयकार नहीं होती

मेरे एक हकलाने वाले मित्र हैं। हकलाहट पर कई वर्कशाप में शामिल हो चुके हैं। ब्लाग और फेसबुक पर भी हकलाहट के बारे में काफी कुछ अच्छा लिखते हैं। इस दोस्त की एक समस्या है। वे जब भी फोन पर या आमने-सामने बातचीत करते हैं, तो अधिकतर समय कोई स्पीच तकनीक का इस्तेमाल नही करते। एक ही मकसद होता है बोलना। इससे होता यह है कि काफी समय तक रूकावट होने के बाद कुछ शब्द बोल पाते हैं।

हम हकलाने वालों के साथ यह एक आम सस्मया है। सबकुछ जानते हुए भी मन बार-बार हकलाने का आदी हो चुका है। हम जानते हैं कि हकला जाएंगे उसके बाद भी कोई प्रयास नहीं करते। नतीजतन, हकलाहट फिर से हावी हो जाती है।

इन हालातों से बाहर निकला जा सकता है। कुछ करने की जरूरत है। बिना कुछ किए हकलाहट पर काबू पाना एक असंभव काम है। खासकर तब जब आप जानते हुए भी जानबूझकर किसी नियम/तकनीक का पालन न कर हकलाना ज्यादा पसंद करते हैं।

इसके लिए धीरे-धीरे अभ्यास करना चाहिए। बोलने से ज्यादा महत्वपूर्ण हकलाहट को काबू में करके बोलना है। बोलने की जल्दीबाजी, आतुरता से बाहर निकलना होगा। हकलाहट की शर्म और डर का चोला उतारना होगा।

हकलाहट की बाधा को दूर करने के लिए थोड़ा परिश्रम तो करना होगा। महाकवि हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की यह पंक्तियां इस प्रसंग पर याद हो आती हैं- कुछ किए बिना ही जयजयकार नहीं होती।

4 comments:

प्रभु ! कृपा हि केवलम् said...

very true.

प्रभु ! कृपा हि केवलम् said...

I am working on telephone SHG since one year and मैने तो यहाँ तक देखा है कि PWS दूसरे PWS से बात करते समय भी कठिन शब्दों को skip or substitute कर जाते हैं । तकनीक काम मे लेना तो दूर की बात है, खुलकर हकलाने से भी घबराते हैं । कई बार ऐसा होता है कि mild stammerer severe stammerer को उपदेश देता जाता है और खुद शब्दों को skip or substitute करता जाता है ।

Satyendra said...

Hemant you are right: we pws are very good at hiding behind words, advice, image and "positive thinking".. And hiding behind these props, we love to advise others: Just believe in yourself, stammering is nothing..
I have seen that only those who are able to use VS in any situation, have truly conquered their inner fears..

प्रभु ! कृपा हि केवलम् said...

readers, please note down sachin sir's advise- "only those who are able to use Volunteer stuttering in any situation, have truly conquered their inner fears.".

I am also ready for national conference2013 , just to do volunteer stuttering whole day in delhi metro.