August 24, 2013

पत्रिका न्यूजपेपर - फैसला (कहानी)

आज 25 अगस्त 2013 के पत्रिका अखबार में मेरी द्वारा लिखी गई एक कहानी प्रकाशित हुई है। "फैसला" शीर्षक से प्रकाशित इस कहानी में एक युवती टीचर है। वह एक हकलाने वाले युवक से शादी करने का प्रस्ताव स्वीकार कैसे करती है या नहीं करती? जानने के लिए पढि़ए यह कहानी . . . !

http://epaper.patrika.com/151691/Patrika-Satna/25-08-2013#page/14/1

4 comments:

Satyendra said...

Great! The Story is very positive. It will change the attitude of those who dont stammer. It is important that we talk to "outside" world as well as pws- through such initiatives..
Very creative and meaningful..
Badhai ho!

प्रभु ! कृपा हि केवलम् said...
This comment has been removed by the author.
प्रभु ! कृपा हि केवलम् said...

वाह अमित जी
आप तो छा गये ।
इसी तरह कहानियों, लेखों और लघुकथाओं से धीरे धीरे समाज मे जागरुकता आयेगी ।
इस कहानी में एक और लाईन डाली जा सकती थी - महान वैज्ञानिक न्युटन ,डार्विन, अमेरिकन राष्ट्रपति चर्चिल , ब्रुस विल्ली , आध्यात्मिक गुरु श्री राम शर्मा आचार्य और सुपर स्टार रितिक रोशन को भी तो हकलाहट है या थी ।

Anil said...

सही है,
कमियां तो हर किसी में होती है, संपूर्ण कोई नहीं होता है, और सही वातावरण सहारा दिया जाये तो हकलाने पर काबू किया जा सकता है, मैं इसी उम्मीद करता हु की सोरभ का सबसे बड़ा डर जो की हम सभी स्टेमर करने वालो में होता है, की हकलाने के कारण शादी कैसे होगी और हो गयी तो फिर क्या होगा, आदि आदि अगर एसा समझदार जीवनसाथी मिल जाये तो क्या बात है।