हाल ही में .सम्पन हुए Herbertpur.में आयोजीत Workshop में बताये गए Voluntary Stuttering Technique को हमने ( रवी एवं सुमीत ) अपने स्थानीय शहर के सार्वजनीक जगहों पर बड़े जोश खरोश से आज्माया ...
हमारे ज़हन में था और उम्मीद यही थी की यक़ीनन हमारे हकलाहट का तमाशा बनेगा , और हम दोनों पर व्यंग के तीर कसे जायेंगे ,पर इस आज्माइश का जो नतीजा नीकला , वो हमारे उम्मीदों से ठीक वीपरीत था .. लोग हमपे हँसने के बजाए हमारा सहयोग कर रहे थे , हमारी बातों पर जयादा ध्यान दे रहे थे , लोगो की हमारी हकलाहट पर इस बदली हुई pratikriyā पर हम दोनों achambhit थे .
पर जब एक दुकानदार हमपे हँसा भी, तो हमारे बताने पर की हम हकलाते है , वो हमारे ओर ज्यादा संवेदनशील हो गए .
अपने इस आजमाईश उपरांत हमने पाया की हमारे acceptence से और खुल के हकलाने से हमे लोगो का समर्थन मीला और लोगो से बात करने का डर जाता रहा .
Dosto , तो सार यह की आप खुल के हकलाये , और लोगो के reactions से और situations के परीणाम को पहले से ही भापना बंद करे , और यक़ीनन आप भी हम जैसा हल्का महसूस करने लगेंगे .
Original content written provided and most importantly experienced by : Ravi Khatri & Sumeet Vashisth
हमारे ज़हन में था और उम्मीद यही थी की यक़ीनन हमारे हकलाहट का तमाशा बनेगा , और हम दोनों पर व्यंग के तीर कसे जायेंगे ,पर इस आज्माइश का जो नतीजा नीकला , वो हमारे उम्मीदों से ठीक वीपरीत था .. लोग हमपे हँसने के बजाए हमारा सहयोग कर रहे थे , हमारी बातों पर जयादा ध्यान दे रहे थे , लोगो की हमारी हकलाहट पर इस बदली हुई pratikriyā पर हम दोनों achambhit थे .
पर जब एक दुकानदार हमपे हँसा भी, तो हमारे बताने पर की हम हकलाते है , वो हमारे ओर ज्यादा संवेदनशील हो गए .
अपने इस आजमाईश उपरांत हमने पाया की हमारे acceptence से और खुल के हकलाने से हमे लोगो का समर्थन मीला और लोगो से बात करने का डर जाता रहा .
Dosto , तो सार यह की आप खुल के हकलाये , और लोगो के reactions से और situations के परीणाम को पहले से ही भापना बंद करे , और यक़ीनन आप भी हम जैसा हल्का महसूस करने लगेंगे .
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5 comments:
Thank you Joy! Quick response!
Not faster than Lalit , seemingly his post came in first..he he..:)
thanks for sharing your experiences. it will motivate others also to try TISA and stammer openly with confidence
vry gud translation DEEP JI or ye padhakar hmara confidence or b jyada badh gya h ye soch kr ki kya hmne sach me aisa hi kiya h.....:-)
रवी और सुमित जी, आप दोनो ही धन्यवाद के पात्र हो, क्योकि आपने लोगो को अपनी समस्या बताकर सिर्फ़ अपने ही दिमाग से सालों से दबा डर नहीं निकाला है बल्कि समाज में जागरुकता भी फ़ैलायी है और शायद कोई और हकलाने वाला भी टीसा के बारे जान जाये । इस तरह हम अपना ही नही भला कर रहे, बल्कि कई अन्य हकलाने वालों की राह भी आसान बना दे रहे है
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