May 2, 2013

टीसा, एक ओपन सोर्स . . . !

दोस्तो, आप सभी ओपन सोर्स साफ्टवेयर के बारे में जानते ही होगे। आम जनता के लिए आम जनता के द्वारा निःशुल्क उपयोग के लिए बनाया गया और इसमें उपयोगकर्ता भी और बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, ओपन आफिस आर्ग, लिनक्स, एडोब फ्लेश प्लेयर, पीडीएफ रीडर आदि।

इसी तरह टीसा भी एक ओपन सोर्स है। हकलाने वाले लोगों द्वारा बनाया गया स्वयं सहायता समूह, जो सभी के लिए खुला है और मुफ्त है। आप इसमें अपना योगदान देकर इसे और बेहतर बना सकते है।

टीसा जो कर सकता है वह कोई भी स्पीच थैरेपिस्ट या अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता। टीसा में आकर हमारा बोलने का डर और शर्म दोनों खत्म हो जाती है। यह किसी जादुई चमत्कार से कम नहीं।

तो फिर आप भी क्यों पीछे रहें। टीसा से जुड़कर कुछ नया सीखें, कोई नया आईडिया हो तो बताएं। टीसा के मिशन को आगे बढ़ाएं।



हकलाहट को छुपाना छोड़ो . . . 
डर-शर्म से नाता तोड़ो . . . !

 - अनिल गुहार, बैतूल, मध्यप्रदेश।

2 comments:

jasbir singh said...

Nice write up Dear Amit.
Only a sufferer knows about one's own sufferings.Any suffering can be best and successfully cured by a sufferer only.A wearer knows where the shoe pinches. The best part in TISA is that we PWS ourself work on our own problems and try to find the best available solutions.
May all beings be Happy.

jasbir singh said...

Congrats to Anil Guhar for good write up and thanks to Amitsingh for posting the blog.
Dear Anil please keep writing.