कल रात मैं घर पर अकेला था। डिनर में भिंडी की सब्जी बनाने का सोचा। सब्जी बनाते हुए एक नया प्रयोग करने का विचार आया। मैंने मसाला फ्राई करते समय मूंगफली के कुछ दाने पीसकर डाल दिया। यह डर लग रहा था कि ऐसा करने से भिंडी का स्वाद ही न बिगड़ जाए। फिलहाल सब कुछ अच्छा रहा। खाने पर भिंडी का स्वाद अलग और अच्छा लगा।
मेरा खुद का यह अनुभव रहा है कि हकलाने के बजाय जब मैंने बाऊन्सिंग तकनीक का प्रयोग करते हुए बातचीत की तो सही ढंग से बोल पाया। दूसरा यह कि कभी भी बाऊन्सिंग में बात करते समय न तो किसी ने टोका, न ही कोई हंसा और न ही किसी ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया।
सच तो यह है कि हम कैसे बोल रहे हैं इससे लोगों को ज्यादा मतलब नहीं। हम क्या बोल रहे हैं इस पर ध्यान दिया जाता है। आप किसी भी दुकान पर खरीदारी करने जाएं दुकानदार इस बात में रूचि नहीं लेगा कि आप हकलाकर बोल रहे हैं या किसी स्पीच तकनीक का इस्तेमाल करते हुए क्योंकि उसका पूरा ध्यान सिर्फ इस पर होगा कि आप क्या खरीदना चाहते हैं। इसी तरह बात चाहे आफिस की हो या फोन पर बात, सभी को बस यह चाहिए कि आप जो बोल रहे हैं वह उसके समझ में आ जाए।
मानव, सभ्यता की शुरूआत से जोखिम उठाकर नित नए प्रयोग और आविष्कार करने का उत्सुक रहा है। इसी के चलते हम आज आधुनिक युग की तमाम सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसी तरह का प्रयोग हमें हकलाहट के साथ करने की जरूरत है। निश्चित ही हम 15-20 साल या अधिक समय से हकलाकर जीते आए हैं और अब बदलाव करने में थोड़ी झिझक होती है। चिंता करने की बात नहीं क्योंकि यह बदलाव ही एक नए व सुखद परिवर्तन का साक्षी होगा।
प्रारंभ में आप अपने दोस्तों, परिजनों और परिचितों से हकलाहट के बारे में खुलकर बात करें। फिर धीरे-धीरे दूसरे लोगों, अपरिचितों से। आप पाएंगे कि यह करना ज्यादा मुश्किल नहीं था। मैंने स्वयं यह सब आजमाया और पाया कि लोग हकलाने वालों को सपोर्ट करना चाहते हैं। बस थोड़ी-सी हिम्मत आपको करनी ही होगी। रास्ते पर चल पडि़ए। रास्ते भी बनते जाएंगे और मंजिल भी मिल जाएगी।
- अमितसिंह कुशवाह,
सतना, मध्यप्रदेश।
मो. 0 9 3 0 0 9 3 9 7 5 8
4 comments:
Yes, unwillingness to experiment and change- THAT is the real problem of many stammerers.. They want world to change- and themselves to remain SAME!
Kamal
Bahut Sundar, dil khush ho gaya..
Excellant Dear. Only one thing is permanent in this world and that is CHANGE. Else everything is Impermanent.
nice amit ji ..ajj appka ek aur hunar samne aaya hai....u r a cook with innovative vision
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