होसला तो दे,
TISA का ही सही, तू मगर आसरा तो दे.
बरसों मैं Cure के नाम पर खाता रह फरेब,
TISA blog कहाँ है, तूं उसका पता तो दे.
मैंने ये कब कहा के मेरे हक में हो जुबां ,
लेकिन खामोश मैं क्यों रहूं, कोई ये बता तो दे .
बेशक मेरी speech पर रख अपना इख्तियार,
लेकिन मेरा इसमे गुनाह है क्या, ये बता तो दे.
Fluency न दे cure न दे,
Communications skill तो दे...
6 comments:
Muqarrar, muqarrar..
"बरसों मैं Cure के नाम पर खाता रहा फरेब"
So true!
बहुत सुंदर हेमंत जी। बधाई।
hemant ji ..hum to apke fan ho gaye...i like this gazal very much..but the way u modified is fantastic..next time jba bhi milege u have sing this version of gazal for us..:-)
lalit ji, thanks. I'll
बहुत अच्छा दोस्त ,मजा आ गया
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